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प्रत्यय किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार और उदाहरण।


Pratyay in hindi
Pratyay in hindi


प्रत्यय किसे कहते हैं? परिभाषा, प्रकार और उदाहरण।

 Pratyay in hindi  


परिभाषा 


      ऐसे शब्दांश जो शब्दों के अंत में जुड़कर नए शब्दों का निर्माण करते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं। 

      मूल शब्द के अंत में लगने वाले शब्दांश को ‘प्रत्यय’ कहते हैं। उपसर्ग की तरह प्रत्यय भी शब्द के अंत में जुड़कर नए शब्द की रचना करते हैं। दोनों में अन्तर सिर्फ इतना है कि उपसर्ग मूल शब्द के पहले लगता है और प्रत्यय मूल शब्द के बाद में।

प्रकार 

प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं –

      1. कृत प्रत्यय

        2. तद्धित प्रत्यय

1. कृत प्रत्यय

क्रिया या धातु के अंत में लगने वाले प्रत्यय कृत प्रत्यय कहलाते हैं और इनके मेल से बने शब्द को ‘कृदन्त’ कहते हैं। जैसे- गाना (क्रिया) में ‘हार’ प्रत्यय लगाने से ‘गावनहार’ शब्द बनता है। यहाँ आपने देखा कि कृत प्रत्यय क्रिया या धातु में लगकर उसे बिल्कुल नया रूप और नया अर्थ देते हैं।

कृत प्रत्यय से हिन्दी में भाववाचक, करणवाचक, और कर्तवाचक संज्ञाएं तथा विशेषण बनते हैं। ये सभी संज्ञा विशेषण तद्भव शब्दों में होती हैं। इनके कुछ उदाहरण नीचे देखे जा सकते हैं

भाववाचक संज्ञाएं

धातुप्रत्ययसंज्ञा
भिड़/लड़ / उठअन्त/आई/आनभिड़न्त / लड़ाई/उठान
पूज/भूल/चिल्लआपा/आवा/आहटपुजापा/भुलावा/चिल्लाहट
बोल/चाटई/नीबोली/चटनी
समझ/मानऔता/औतीसमझौता/मनौती
खिंचआवखिंचाव


कारणवाचक संज्ञाएं

धातुप्रत्ययसंज्ञा
झूल/मथआ/ आनीझूला/मथानी
रेत/झाड़ई/ऊरेती/झाडू
कसऔटीकसौटी
बेलबेलन


कृर्तृवाचक विशेषण

धातुप्रत्ययसंज्ञा
टिकआऊटिकाऊ
तैर/ लड़आक/आकातैराक/लड़ाका
खेल / झगड़ाआड़ी/आलूखिलाड़ी/झगड़ालू
बढ़/ अढ़इया /इयलबढ़िया / अड़ियल
लड़ऐतलड़ैत
हँस / भागओड़/ ओड़ाहँसोड़ / भगोड़ा
पीअक्कड़पियक्कड़
मिलसारमिलनसार
रो/रखहारा/हाररोवनहार/राखनहार
 प्रत्यय 


तत्सम कृत् प्रत्यय इस प्रकार हैं

धातुप्रत्ययसंज्ञा
कम्/वि/वन्दअ/आन/अनाकाम/विज्ञान/वन्दना
इष पूजा/गैआ/अकइच्छा/पूजा/गायक
तन्/ भिक्षुउ/उकतनु/भिक्षुक
त्यजत्यागी
विद्मानविद्यमान
कृतव्यकर्तव्य
दृश/पूजअनीय/उपनीयदर्शनीय / पूजनीय


विदेशी कृत् प्रत्यर्यो में फारसी के प्रचलित उदाहरणों को देखा जा सकता है –

उदाहरण

धातुप्रत्ययकृदन्तशब्द
आमदन (आना)आमदनी
रिह (छूटना)रिहा
जी (जीना)इन्दाजिन्दा
बाश (रहना)इन्दाबाशिन्दा
चस्प (चिपकना)आँचस्पाँ
प्रत्यय 


तद्धत प्रत्यय

तद्धत प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम, और विशेषण शब्दों के अन्त में लगते हैं। अर्थात संज्ञा, सर्वनाम, और विशेषण के अन्त में लगने वाले शब्दांश को तद्धत प्रत्यय कहते हैं। इनके मेल से बने शब्द को ‘तद्धितान्त’ कहते हैं। 

जैसे - 

मुनि (संज्ञा) अ (प्रत्यय) = मौन

अपना (सर्वनाम) पन (प्रत्यय) = अपनापन

अच्छा (विशेषण) आई (प्रत्यय) = अच्छाई

आपने देखा कि कृत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय में अन्तर केवल इतना है कि कृत प्रत्यय क्रिया या धातु के अन्त में लगते हैं जबकि तद्धित प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण केन्त में। उपसर्ग की तरह तद्धित प्रत्यय भी संस्कृत, हिन्दी और विदेशी (उर्दू) से आकर क्रमश: तत्सम, तद्भव, और विदेशी शब्द-रचना में सहायक हुए हैं। आगे आप सोदाहरण इसका अध्ययन करेगें।

संस्कृत के तद्धित प्रत्यय इनके उदाहरण इस प्रकार हैं

संज्ञा/विशेषणप्रत्ययशब्द
कुरू/मुनिकौरव/मीन
शिक्षा/रामअक/आयनशिक्षक/रामायन
वर्ष/पुष्प/रक्तइक/इत/इमवार्षिक /पुष्पित/ रक्तिम
क्षत्र/बलइय/इष्टक्षत्रिय/बलिष्ठ
कुल/पक्षईन/ईकुलीन/पक्षी
अंश/पश्चतः / त्यअंशत: / पाश्चात्य
दिति/वत्स/दयाय/ल/ लुदैत्य/वत्सल/दयालु
मायावीमायावी

2. तद्धित प्रत्यय 

      तद्धित प्रत्यय से अनेक प्रकार की संज्ञा शब्दों और विशेषण शब्दों की रचना हम निम्नलिखित उदाहरणों से समझ सकते हैं जैसे... 

       1. जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा शब्द

जातिवाचक संज्ञाप्रत्ययभाववाचक संज्ञा
मित्र/शत्रु / प्रभुतामित्रता/शत्रुता /प्रभुता
गुरू / मनुष्य / पुरुषत्वगुरुत्व/ मनुष्यत्व /पुरुषत्व
पण्डितपाण्डित्य
मुनिमौन

       2. नामवाचक संज्ञा से अपत्यवाचक संज्ञा शब्द

व्यक्तिवाचक संज्ञाप्रत्ययअपत्यवाचक संज्ञा
मनु/कुरु/पाण्डु/वसुदेवमानव / कौरव/पाण्डव/वासुदेव
राधा/ कुन्तीएयराधेय/ कौन्तेय
दितिदैत्य


       3. विशेषण से भाववाचक संज्ञा शब्द

विशेषणप्रत्ययभाववाचक संज्ञा
बुद्धिमान/मूर्ख/शिष्टताबद्धिमत्ता/मूर्खता/शिष्टता
वीर/लघुत्ववीरत्व/लघुत्व
गुरु लघुगौरव / लाघव
प्रत्यय 


       4. संज्ञा से विशेषण शब्द

संज्ञाप्रत्ययविशेषण
तालु/ग्रामतालव्य/ग्राम्य
मुख/लोकइकमौखिक/लौकिक
आनन्द / फलइतआनन्दित / फलित
बल/कर्मइष्ठ/निष्ठबलिष्ठ कर्मनिष्ठ
मुख / मधुमुखर/मधुर
ग्राम/राष्ट्रईन/ ईयग्रामीण/राष्ट्रीय

अब तक आपने तत्सम प्रत्यय से बने विविध प्रकार के शब्दों से परिचय प्राप्त किया। आगे हम तद्भव और विदेशी तद्धित प्रत्ययों द्वारा शब्द रचना के उदाहरण प्रस्तुत करेगें।

हिन्दी तद्धित प्रत्यय – हिन्दी के सभी तद्धित प्रत्यय तद्भव रूप में है। अतः इनसे बनने वाले शब्द भी तद्भव हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे तत्सम प्रत्यय का प्रयोग तत्सम शब्द रचना के लिए ही होता है। संज्ञा-विशेषण में तद्धित प्रत्यय लगाकर हिन्दी के भाववावचक संज्ञा शब्द बनाने के लिए निम्नलिखित उदाहरणों को ध्यान से देखें –

उदाहरण

संज्ञा/ विशेषणप्रत्ययभाववाचक संज्ञा शब्द
चतुर/चौड़ाआईचतुराई/चौड़ाई
मीठा/छूट/ कड़वाआस/आरा//आहटमिठास /छुटकारा/कड़वाहट
रंग / कम / बापत/ती/ओतीरंगत/कमती बपौती

    इसी प्रकार संज्ञा से विशेषण बनाने के लिए तद्धित प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं। 

जैसे - 

संज्ञाप्रत्ययविशेषण
भूखभूखा
देहात / रंगई/ईलादेहाती/रंगीला
चाचा/भाँग / खपराएरा/एडी/ऐलचचेरा/भँगेड़ी/खपरैल
भूत/छूत/सोनाह/हर हराभुतहा छुतहर/सुनहरा

तद्धित प्रत्यय द्वारा तद्भव शब्द रचना के अन्य उदाहरण भी देखे जा सकते हैं

संज्ञाप्रत्ययतद्भव शब्द
ससुर/नाना/सोनाआल/हाल/आरससुराल/ननिहाल/सुनार
मामा/नाकएरा/एलममेरा / नकेल
आढ़त/तेलइया/ईअदतिया / तेली
चोर/बाछाटा/ड़चौट्टा/बछड़ा


विदेशी तद्धित प्रत्यय – हिन्दी में फारसी तद्धित प्रत्ययों से बने कुछ प्रचलित शब्दों के उदाहरणों से विदेशी तद्धित प्रत्यय को भली-भाँति समझा जा सकता है।

उदाहरण

मूल शब्दप्रत्ययतद्धितान्त शब्द
सफेद/जनआ/आनासफेदा / जनाना
ईरान/शौक /माहई/ईन / ईनाईरानी/शौकीन/महीना
पेश/मददकार/गारपेशकार/मददगार
दर्द / उम्मीदनाक/वारदर्दनाक / उम्मीदवार
बागईचबगीचा
गमगीनगमगीन
कलमदानकलमदान
घड़ी / नशासाज/बाजघड़ीसाज/नशाबाज
ईद/राहगाह/गीरईदगाह/राहगीर
फौज / दरदार/बारफौजदार/दरबार

      इसी प्रकार अरबी तद्धित प्रत्यय से बने कुछ शब्दों को देखा जा सकता है जो हिन्दी में बोलचाल की भाषा में काफी प्रचलित हैं। 

जैसे - 

उदाहरण

मूल शब्दप्रत्ययतद्धितान्त शब्द
जिस्म / रूहआनीजिस्मानी / रूहानी
इंसानइयतइंसानियत
बाबर (विश्वास)चीबावरची

आपने देखा कि उपसर्ग और प्रत्यय द्वारा कितने नए-नए शब्दों की रचना की जा सकती है। इस सन्दर्भ में यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य है कि अनेक शब्द ऐसे हैं कि जिनकी रचना उपसर्ग और प्रत्यय दोनों की सहायता से होती है। इस प्रकार की शब्द-रचना के कुछ उदाहरण देख जा सकते हैं

उदाहरण

उपसर्गमूल शब्दप्रत्ययशब्द रचना
अपमानइतअपमानित
लोकइकअलौकिक
अभिमानअभिमानी
उपकारउपकारक
परिपूर्णतापरिपूर्णता
दुस्साहसदुस्साहसी
बदचलनबदचलनी
निर्दयानिर्दयी
अनउदारताअनुदारता
अ+प्रतिआशाइतअप्रत्याशित


हम उम्मीद करते है कि आप लोगों को इस पोस्ट से प्रत्यय की काफी ज्यादा जानकारी हासिल हुई होगी। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।


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