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Upsarg in Hindi |
उपसर्ग किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद व उदाहरण।
Upsarg in Hindi
उपसर्ग किसे कहते हैं?
जैसे ‘मान‘ शब्द में ‘अभि’ उपसर्ग लगाने पर एक नया शब्द ‘अभिमान’ बना। मान रूठने के अर्थ में जबकि ‘अभिमान’ घमण्ड के अर्थ में प्रयुक्त होता है।
इस तरह आपने देखा कि उपसर्ग लगाने से बने नए शब्द का अर्थ भी मूल शब्द से भिन्न हो जाता है। शब्द-रचना में उपसर्ग की उपयोगिता महत्वपूर्ण है।
उपसर्ग के प्रयोग में दो बातें ध्यान देने योग्य हैं। पहली बात, उपसर्ग का स्वतंत्र प्रयोग नहीं होता। वे शब्दों के साथ लगाकर ही अपने विशिष्ट अर्थ का बोध कराते हैं। दूसरी बात, उपसर्ग सदैव शब्द के पहले लगाए जाते हैं।
उपसर्ग की परिभाषा
उपसर्ग उस शब्दांश को कहते हैं जो किसी शब्द के पहले लगकर एक नए शब्द की रचना करता है और मूल शब्द के अर्थ को व्यक्त करता है।
'उपसर्ग' वे शब्दांश हैं जो सार्थक शब्दों से पूर्व जुड़ने पर अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं।
उपसर्ग और प्रत्यय में अंतर
उपसर्ग | प्रत्यय |
1. उपसर्ग शब्द के शुरू में जुड़ता है। | 1. प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़ता है। |
2. उपसर्ग जुड़ने पर मूल शब्द का अर्थ बदल सकता है। उदाहरण- प्र+चार= प्रचार इसमें प्र उपसर्ग है, जो चार शब्द के पहले जुड़ा है। | 2. प्रत्यय जुड़ने पर अर्थ मूल शब्द के इर्द-गिर्द ही रहता है। उदाहरण- इतिहास+इक= ऐतिहासिक इसमें ‘इक’ प्रत्यय है, जो शब्द के अंत में जुड़ा है। |
उपसर्ग के प्रकार
हिन्दी मे तीन प्रकार के उपसर्गों से शब्द-रचना होती है।
- तत्सम उपसर्ग
- तद्भव उपसर्ग
- विदेशी उपसर्ग
1. तत्सम उपसर्ग
हिन्दी में संस्कृत तत्सम शब्दों की प्रचुरता है, अतः तत्सम उपसर्गों की संख्या भी अधिक होना स्वभाविक है।और उनकी सहायता से बने तत्सम शब्दों के कुछ उदाहरण नीचे देखे जा सकते हैं।
उदाहरण
उपसर्ग | उपसर्ग से बने शब्द |
अति | अतिरिक्त, अत्यंत अतिशय, अत्याचार, अतिक्रमण |
अघि | अधिकार, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिकरण |
अनु | अनुजा, अनुवाद, अनुशासन, अनुपात, अनुज, अनुकूल |
अप | अपवाद, अपमान, अपराध, अपभ्रंश, अपव्यय, अपहरण |
अभि | अभिमान, अभियंता, अभ्यास, अभिनव, अभियोग |
अव | अवस्था अवगत अवज्ञा, अवतार, अवसान |
आ | आकाश, आकर्षण, आदान, आचरण, आमुख |
उत्/ उद् | उत्तम, उत्कंठा, उद्यम, उत्थान, उत्कर्ष, उद्धत |
उप | उपासना, उपस्थित, उपकार, उपनिवेश, उपदेश |
दुर्/दुस् | दुर्दशा, दुराचार, दुर्गुण, दुष्कर्म, दुर्लभ |
नि | निर्देशन, निकृष्ट, निवास, नियुक्ति, निबन्ध |
निर्/निस् | निर्भय, निर्दोष, निश्छल, निवास, निर्मल |
परा | पराजय, पराभव, परिधि, परिजन, परिक्रमा |
प्र | प्रकाश, प्रश्न, प्रयास, प्रपंच, प्रसन्न, प्रसिद्धि, प्रयोग |
प्रति | प्रतिक्षण, प्रतिकार, प्रतिमान, प्रत्यक्ष प्रतिवादी |
वि | विकास, विशेष, विज्ञान, विधवा, विनाश, विभिन्न |
सम् | संसार, सम्मुख, संग्राम, संकल्प, संयोग, संस्कृत, संस्कार, |
अपर | अपराह्न |
अन्य | अन्यत्र, अन्योक्ति, अन्यतम |
चिर | चिरंजीव, चिरायु, चिरकाल |
पुरा | पुरातत्त्व, पुरातन, पुराविद् |
यथा | यथासम्भव, यथाशक्ति, यथासमय |
बहिः | बहिष्कार, बहिर्मुख, बहिर्गामी, बहिरंग |
सत | सत्कार, सत्कार्य, सद्गति, सज्जन |
स्व | स्वभाव, स्वतंत्र स्वदेश, स्वस्थ |
स. सह | सहयात्री, सहकारिता, सहकार, सहगामी |
न | नास्तिक, नपुसंक, नक्षत्र |
अग्र | अग्रणी, अग्रज, अग्रसर, अग्रगामी |
तत्सम उपसर्ग तथा उदाहरण
संस्कृत के उपसर्ग को ही हिंदी व्याकरण में तत्सम शब्द के नाम से जाना जाता है, संस्कृत के उपसर्ग से ही हिंदी के उपसर्ग विकसित हुए हैं। संस्कृत के उपसर्ग की संख्या 22 मानी गई है, जिनमें से कुछ उपसर्ग और उनके अर्थ नीचे दिए गए हैं।
उपसर्ग | अर्थ |
अति | अधिक |
अधि | ऊपर, श्रेष्ठ |
आ | ओर |
अपि | निकट |
दूः | निषेध |
अप् | विपरित |
परि | चारोंओर |
उत् | ऊपर |
अनु | पीछे |
वि | विशेष |
पुरा | अनादर |
अव | पतन |
प्रति | समान, प्रत्येक |
उप | सहायक, छोटा |
अभि | सामने, अच्छा |
सु | सरल |
सम् | संयोग |
2. तद्भव उपसर्ग
तद्भव उपसर्ग से बने शब्द प्रायः जनसामान्य की बोलचाल की भाषा से प्रयुक्त होते हैं। इनके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं
उदाहरण
उपसर्ग | उपसर्ग से बने शब्द |
अ/अन | अमोल, अथाह, अज्ञान, अमर, अछूत, अचूक अनपढ़, अनमोल, अनजान, अनहोनी |
अध | अधजला, अधपका, अधमरा, अधखिला |
उन | उन्नीस, उनचास, उजाड़, उचक्का, उजड्ड |
औ | औगुन, औघट |
दु | दुबला, दुकाल, दुखद, दुगुना, दु:स्वप्न |
नि | निडर, निकम्मा, निहत्था, निठल्ला |
बिन | बिनव्याहा, बिनदेखा, बिनखाया, बिनबोया, बिनमाँगे, बिनकहे |
भर | भरपेट, भरसक, भरमार, भरपूर, भरचक |
क/कु | कपूत, कुढंग, कुघड़ी |
स/ सु | सपूत, सरस, सपरिवार, सकाम, सजग, सुडौल, सुजान |
तद्भव उपसर्ग तथा उदाहरण
हिंदी के उपसर्ग को ही तद्भव के नाम से जाना जाता है। इन उपसर्गों की संख्या सामान्यतः 10 माना गया है। यह उपसर्ग और उनके अर्थ नीचे दर्शाए गए हैं।
उपसर्ग अर्थ अ/अन् अभाव/निषेध/नहीं अध् आधा उन एक कम औ हीन दु हीनता/बुरा नि नहीं बिन अभाव भर पुरीतरह क, कु बुरा/बुरी स/सु साथ/अच्छा
3. विदेशी उपसर्ग
हिन्दी ने अरबी-फारसी शब्दों के साथ उनके उपसर्ग भी ग्रहण किए है। इनके कुछ उदाहरण देखें.
उदाहरण
उपसर्ग | उपसर्ग से बने शब्द |
अल | अलबत्ता |
कम | कमजोर, कमसिन, कमख्याली |
खुश | खुशदिल, खुशमिजाज, खुशबू, खुशहाल |
गैर | गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरवाजिब |
दर | दरकिनार, दरमियान, दरख्वास्त |
ना | नापसन्द नाराज, नालायक, नासमझ नामुमकिन |
बद | बदनाम बदबू, बदमाश, बदतमीज |
बर | बरखास्त, बरदाश्त |
बिला | बिलावजह |
बे | बेअदब, बेईमान, बेईज्जत, बेरहम, बेकसूर |
ला | लाइलाज, जालवाब, लापरवाह, लापता |
हम | हमसफर, हमदर्दी, हमपेशा, हमउम्र, हमराह |
सर | सरकार, सरताज, सरपंच, सरहद, सरदार |
ब | बदौलत बनाम |
अल | अलबत्ता |
बिल | बिल्कुल |
बा | बाकायदा |
इसके अतिरिक्त हिन्दी में अंग्रेजी उपसर्ग से बने शब्द भी काफी प्रचलित हैं।
आगत उपसर्ग भी उपसर्ग का ही एक प्रकार है। आगत उपसर्ग हिंदी व्याकरण में विदेशी भाषाओं से आए हैं। आगत उपसर्ग मुख्यता उर्दू और अंग्रेजी भाषा के शब्दों से विकसित हुए हैं, जो निम्नलिखित है।
उर्दू उपसर्ग | अर्थ |
कम | थोड़ा |
ब | अनुसार |
हर | प्रत्येक |
गैर | दूसरा |
खुश | अच्छा |
हम | बराबर |
अंग्रेजी उपसर्ग | अर्थ |
सब | अधीन |
जनरल | प्रधान |
वॉइस | सहायक |
फूल | पूरा |
हेड | मुख्य |
डिप्टी | सहायक |
हाफ | आधा |
चीफ | प्रमुख |
डबल | दोगुना |
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