75+ Famous Hindi Kahawat |
75+ हिन्दी के प्रसिद्ध कहावतें - 75+ Famous Hindi proverbs (Kahawat)
कहावतें (kahawat)
कहावतें (kahawat) प्रतियोगी परीक्षाओं एवं कक्षा 6 से 12 तक की विभिन्न परीक्षाओं में प्रायः पूछी जाती हैं। साथ ही यदि आप हिंदी भाषा सीख रहे हैं। तो भी ये आपके लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगी।
लोकोक्ति की परिभाषा:
लोकोक्ति कहावत का ही एक रूप होती है। लोक का अर्थ है जनसामान्य और उक्ति का अर्थ है कथन। जनसामान्य में प्रचलित कहावतों को लोकोक्ति कहा जाता है। ये प्रायः जनसामान्य की भाषा में होती हैं।
हिंदी कहावत का अर्थ:
कहावते हमारे समाज में प्रचलित अति महत्वपूर्ण और संक्षिप्त कथन हैं जो छोटे से वाक्य में काफी गूढ़ अर्थ लिए होते हैं। वास्तव में कहावतें समाज का दर्पण होती है और रोजमर्रा की बातचीत को रुचिपूर्ण बना देती हैं।
1. # कहावत
➡️ अँधेरे घर का उजाला।
अर्थ :- घर का अकेला, लाड़ला और सुन्दर पुत्र।
2. # कहावत
➡️ अंधों का हाथी।
अर्थ :- जिसे किसी भी विषय का पूर्ण ज्ञान न होना।
3. # कहावत
➡️ अंडे सेवे कोई, बच्चे लेवे कोए।
अर्थ :- जिस तरह मुर्गी अपने अंडे को सेती हैं और उसे कोई और ले जाता हैं। उसी प्रकार कोई व्यक्ति जी तोड़ परिश्रम करता हैं और उसका श्रेय कोई और ले जाता हैं।
4. # कहावत
➡️ अंडे होंगे तो बच्चे बहुतेरे हो जाएंगे।
अर्थ :- मूल वस्तु प्राप्य रहेगी तो उससे बनने वाली वस्तुएँ तो निश्चित ही प्राप्त होती रहेंगी।
5. # कहावत
➡️ अंत भला तो सब भला।
अर्थ :- अगर आखिरी में परिणाम अच्छा हो जाए, तो समझो सबकुछ अच्छा है।
6. # कहावत
➡️ अंधेर नगरी चौपट राजा,
टके सेर भाजी टके सेर खाजा।
अर्थ :- जिस जगह का मुखिया (राजा-मालिक) ही मूर्ख हो, तो वहाँ पर हमेशा अन्याय होता ही रहेगा, और किसी भी चीज़ का कोई मूल्य नहीं होगा।
7. # कहावत
➡️ अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना।
अर्थ :- मूर्खता पूर्ण कार्य करना।
8. # कहावत
➡️ अक्ल बड़ी या भैंस ?
अर्थ :- शारीरिक बल से बुद्धि बड़ी है।
9. # कहावत
➡️ अकेला हँसता भला न रोता भला।
अर्थ :- सुख हो या दु:ख हर स्थित में एक साथी की आवश्यता पड़ती है, व्यक्ति ना अकेला रो सकता है और ना ही अकेला हँस सकता है।
10. # कहावत
➡️ अटकेगा सो भटकेगा।
अर्थ :- काम के समय जो व्यक्ति दुविधा या सोच में पड़ जाता हैं, उसका काम हमेशा अधुरा ही रहेगा, कभी पूरा नहीं होगा।
11. # कहावत
➡️ अढ़ाई दिन की बादशाहत।
अर्थ :- बस चंद दिनों की शान-शौक़त।
12. # कहावत
➡️ अढ़ाई सेर चावल की खिचड़ी अलग पकाना।
अर्थ :- सब से अलग अपनी सोच-विचार को रखना।
13. # कहावत
➡️ अढ़ाई हाथ की ककड़ी, नौ हाथ का बीज।
अर्थ :- कोई असंभव सी बात। कोरी गप्प।
14. # कहावत
➡️ अधजल गगरी छलकत जाय।
अर्थ :- जिस व्यक्ति के पास कम ज्ञान होता है, वह अपने आप को, ज्यादा विद्वान होने का दिखावा करता है।
15. # कहावत
➡️ अनके (दूसरे का) पनिया मैं भरूँ, मेरे भरे कहार।
अर्थ :- अपने घर में काम करने में हेठी समझना और दूसरे के घर में वही काम करना।
16. # कहावत
➡️ अन्धों में काना राजा।
अर्थ :- मूर्ख मण्डली में थोड़ा पढ़ा-लिखा भी विद्वान् और ज्ञानी माना जाता है।
17. # कहावत
➡️ अपना-अपना कमाना,
अपना-अपना खाना।
अर्थ :- अपनी जरुरत का काम खुद करो, किसी के साथ अपने काम को साझा करना ठीक नहीं।
18. # कहावत
➡️ अपना काम बनता,
भाड़ में जाये जनता।
अर्थ :- सिर्फ अपना स्वार्थ देखना। दूसरों के नफे नुकसान की फ़िक्र न करना
19. # कहावत
➡️ अपना ढेंढर देखे नही, दूसरे की फुल्ली निहारे।
अर्थ :- इंसान अपने अन्दर का ढ़ेर सारे दुर्गण देखता नहीं, और दूसरे के अवगुण की चर्चा करता हैं।
20. # कहावत
➡️ अपना रख पराया चख।
अर्थ :- अपनी चीजों को संभाल के रखना और दुसरे के चीजों का इस्तमाल करना।
21. # कहावत
➡️ अपना लाल गँवाय के दर-दर माँगे भीख।
अर्थ :- अपनी बहुमूल्य चीज को खोकर कोई व्यक्ति जब दूसरों का आश्रित हो जाता है।
22. # कहावत
➡️ अपनी करनी पार उतरनी।
अर्थ :- खुद से अपना किया हुआ ही काम फलदायक या लाभदायक होता है।
23. # कहावत
➡️ अपनी गरज बावली।
अर्थ :- आदमी स्वार्थ में दूसरों की परवाह नहीं करता।
24. # कहावत
➡️ अपनी गाँठ पैसा तो,
पराया आसरा कैसा।
अर्थ :- अगर इंसान स्वयं ही समर्थ हो तो किसी दूसरे पर आश्रित क्यों रहेगा।
25. # कहावत
➡️ अपनी चिलम भरने को मेरा झोपड़ा जलाते हो।
अर्थ :- इंसान अपने ज़रा से लाभ के लिए किसी दूसरे की बड़ी हानि करता हैं।
26. # कहावत
➡️ अपनी टाँग उघारिए, आपहि मरिए लाज।
अर्थ :- अपने घर की बात दूसरों से कहने से व्यक्ति की खुद की ही बदनामी होती है।
27. # कहावत
➡️ अपनी-अपनी ढफली,
अपना-अपना राग।
अर्थ :- सबका अपने-अपने मन के अनुसार चलना है।
28. # कहावत
➡️ अपनी पगड़ी अपने हाथ।
अर्थ :- इन्सान को अपनी इज्जत अपने हाथ रखना चाहिए।
29. # कहावत
➡️ अपनी करनी पार उतरनी।
अर्थ :- अपने ही कर्मों का फल मिलता है।
30. # कहावत
➡️ अपने पांव पर आप कुल्हाड़ी मारना।
अर्थ :- अपने ही हाथो से अपना बुरा करना, या जो चीज़ हमें लाभ पहुंचाती है उसी को हम नुकसान पहुंचाते हैं।
31. # कहावत
➡️ अपने पूत को कोई काना नहीं कहता।
अर्थ :- कोई अपनी खराब चीज़ को भी कोई भी खराब नहीं कहता है।
32. # कहावत
➡️ अब की अब के साथ,
जब की जब के साथ।
अर्थ :- हमेशा इंसान को अपने वर्तमान में ही रहना चाहिए और आज की ही चिंता करनी चाहिए, और कल की कल।
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33. # कहावत
➡️ अब पछताये होत क्या,
जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत।
अर्थ :- समय बीत जाने पर पछताने का क्या लाभ।
34. # कहावत
➡️ अभी दिल्ली दूर है।
अर्थ :- अभी कसर रह गयी हैं काम में है, अभी पूरा काम नहीं हुआ।
35. # कहावत
➡️ अरहर की टट्टिया, गुजराती ताला।
अर्थ :- मामूली सी वस्तु की रक्षा के लिए बड़ा इन्तज़ाम।
36. # कहावत
➡️ अलख पुरुष की माया,
कहीं धूप कहीं छाया।
अर्थ :- ईश्वर की लीला अपरं-पार हैं कोई सुखी में है और कोई दु:ख में है।
37. # कहावत
➡️ आँख का अन्धा नाम नैनसुख।
अर्थ :- नाम अच्छा पर काम कुछ नहीं।
38. # कहावत
➡️ आग खाएगा तो अंगार उगलेगा।
अर्थ :- बुरे कामो को करने का फल फल ही मिलेगा।
39. # कहावत
➡️ आग बिना धुआँ नहीं।
अर्थ :- किसी भी कार्य के पीछे कोई ना कोई कारण अवश्य ही होता है।
40. # कहावत
➡️ आगे कुआँ पीछे खाई।
अर्थ :- सब ओर विपत्ति।
41. # कहावत
➡️ आदमी की दवा आदमी है।
अर्थ :- इंसान ही इंसान के काम आता है या इन्सान ही इंसान की सहायता करता हैं।
42. # कहावत
➡️ आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।
अर्थ :- इन्सान बेकार में ही अपने सुख-सुविधा की चीजो को जुटाने में लगा रहता है, जीवन के लिए ज़रूरी ज़रूरतें तो बहुत ही कम होती हैं।
43. # कहावत
➡️ आप भला तो जग भला।
अर्थ :- भले इंसान को सब लोग भले ही मिलते हैं।
44. # कहावत
➡️ आ बैल मुझे मार।
अर्थ :- जान-बूझकर आपत्ति मोल लेना।
45. # कहावत
➡️ आम के आम गुठलियों के दाम।
अर्थ :- एक कार्य से बहुत से कार्य सिद्ध होना।
46. # कहावत
➡️ आम खाने हैं या पेड़ गिनने।
अर्थ :- काम की बात करनी चाहिए, व्यर्थ की बातों से कोई लाभ नहीं।
47. # कहावत
➡️ आस पराई जो तके जीवित ही मर जाए।
अर्थ :- जो दूसरों पर निर्भर रहता है वह जीवित रहते हुए भी मृतप्राय होता है।
48. # कहावत
➡️ आये थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
अर्थ :- अच्छा काम छोड़ कर महत्त्वहीन या बेकार काम में लग जाना।
49. # कहावत
➡️ उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे।
अर्थ :- अपराधी अपने अपराध को स्वीकार करता नहीं, उल्टा पूछनेवाले को धमकाता है।
50. # कहावत
➡️ ऊँची दुकान फीका पकवान।
अर्थ :- सज-धज बहुत, चीज खराब।
51. # कहावत
➡️ एक तो करेला ऊपर से नीम चढ़ा।
अर्थ :- एक दोष के साथ-साथ दूसरा दोष भी लग जाना।
52. # कहावत
➡️ एक पंथ दो काज।
अर्थ :- एक कार्य से बहुत से कार्य सिद्ध होना।
53. # कहावत
➡️ एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है।
अर्थ :- एक की बुराई के कारण सबकी बदनामी होना। एक बुरा व्यक्ति सारे कुटुम्ब, समाज या साथियों को बुरा बनाता है।
54. # कहावत
➡️ एक म्यान में दो तलवार नहीं समा सकती:
अर्थ :- एक वस्तु के दो समान अधिकारी नहीं हो सकते।
55. # कहावत
➡️ ओखली में सिर दिया तो मूसली से क्या डर।
अर्थ :- जब कठिन काम के लिए कमर कस ली तो कठिनाइयों से क्या डरना।
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56. # कहावत
➡️ कंगाली में आटा गीला।
अर्थ :- मुसीबत में और मुसीबत आना।
57. # कहावत
➡️ कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगू तेली।
अर्थ :- दो व्यक्तियों की स्थिति में बहुत अंतर होना।
58. # कहावत
➡️ काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है।
अर्थ :- छल-कपट से एक बार तो काम बन जाता है, पर सदा नहीं।
59. # कहावत
➡️ कोयले की दलाली में हाथ काला।
अर्थ :- बुरे के साथ रहने पर बुराई मिलती है।
60. # कहावत
➡️ खेत खाये गदहा मार खाये जोलाहा।
अर्थ :- किसी और कि गलती की सजा किसी और को मिल जाना। ये कहावत उत्तर भारत में काफी प्रचलित है।
61. # कहावत
➡️ खोदा पहाड़ निकली चूहिया।
अर्थ :- अधिक मेहनत, लाभ कम।
62. # कहावत
➡️ गुड़ खाये गुलगुलों से परहेज।
अर्थ :- जब कोई व्यक्ति फर्जी नाटक करता है तब हम कहते हैं की गुड़ से कोई परहेज नहीं लेकिन गुड़ से बने गुलगुले खूब खाये।
63. # कहावत
➡️ घी का लडडू टेढ़ा ही भला।
अर्थ :- काम के व्यक्ति में छोटा मोटा खोट नही देखा जाता।
64. # कहावत
➡️ चमड़ी जाए पर दमडी़ न जाए।
अर्थ :- कंजूस व्यक्ति कष्ट सहन कर लेता है, लेकिन पैसे खर्च नहीं करता।
65. # कहावत
➡️ चार दिन की चांदनी फिर अँधेरी रात।
अर्थ :- सबको पता है पूरी चांदनी सिर्फ कुछ दिन के लिए होती है फिर चन्द्रमा घटने लगता है और अँधेरी रात आ जाती है। इसीलिए जब कोई चीज कम समयावधि के लिए होती है तब हम इस हिंदी कहावत का प्रयोग करते हैं।
66. # कहावत
➡️ चिकने घड़े पे पानी नहीं ठहरता।
अर्थ :- बेशर्म को कुछ भी कहो एक कान से सुनेगा दूसरे से निकाल देगा।
67. # कहावत
➡️ चोर उचक्का चौधरी, कुटनी भई प्रधान।
अर्थ :- सत्ता अयोग्य हाथों में है।
68. # कहावत
➡️ जहाँ मुर्गा नहीं बोलता वहां क्या सवेरा नहीं होता?
अर्थ :- किसी के बिना किसी का कार्य कभी नहीं रुकता।
69. # कहावत
➡️ जिसकी लाठी उसकी भैंस।
अर्थ :- शक्तिशाली की ही जीत होती है।
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70. # कहावत
➡️ जो गरजते हैं सो बरसते नहीं।
अर्थ :- जो डींग मारते हैं, वे काम नहीं करते।
71. # कहावत
➡️ दूध का जला मट्ठा भी फूक फूक कर पीटा है।
अर्थ :- एकबार धोखा खाया व्यक्ति ज्यादा सतर्कता बर्तता है।
72. # कहावत
➡️ नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
अर्थ :- किसी को काम करने का ढंग न हो तो वह दूसरी चीजों में ऊटपटांग कमियाँ खोजता है।
73. # कहावत
➡️ नाम बड़े और दर्शन छोटे।
अर्थ :- प्रसिद्धि अधिक किन्तु तत्त्व कुछ भी नहीं।
74. # कहावत
➡️ प्यास लगने पर कुआं खोदना।
अर्थ :- आवश्यकता पड़ने पर काम करना, पहले से कुछ न करना।
75. # कहावत
➡️ बाज के बच्चे मुंडेर पे नही उड़ा करते।
अर्थ :- जैसे बाज हमेशा ऊँचा उड़ने वाला पक्षी होता है, इसलिए कहते बड़ा सोचने वाले छोटी छोटी चीजों के बारे में नही सोचते।
76. # कहावत
➡️ बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से पाये।
अर्थ :- बुरे कामों का अच्छा फल नहीं मिलता।
77. # कहावत
➡️ मन मन भावे, मुड़िया हिलावे।
अर्थ :- अंदर मन मे लडडू फुट रहे हो और बाहर से न नुकर कर रहा हो। कुछ व्यक्ति अंदर से तो खुश हो रहे होते हैं लेकिन फॉर्मेलिटी के लिए ऊपर से न नुकर करते रहते हैं।
78. # कहावत
➡️ वर जीत लिया कानी,
वर भावर घूमे तब जानी।
अर्थ :- जब कोई बेमेल संबंध बनते है तब कहते है। अर्थात रिश्ते हमेशा बराबर में बनने चाहिए तभी लंबा चल सकेगा।
79. #
➡️ अगर-मगर करना।
अर्थ :- काम ना करने का बहाना करना।
80. #
➡️ अड्डे पर चहकना।
अर्थ :- अपने घर के अन्दर दूसरो को रोब दिखाना।
81. #
➡️ अटकलें भिड़ना।
अर्थ :- किसी चीज़ में दिमाग लागाकर उसका उपाय सोचना।
82. #
➡️ अपने आप में न होना।
अर्थ :- अपने घमंड के कारण अपना आपा खो देना, या नशे में चूर होना।
83. #
➡️ अपनी खिचड़ी अलग पकाना।
अर्थ :- दूसरो से दूर अलग-थलग रहना।
84. #
➡️ अबे-तबे करना।
अर्थ :- किसी के साथ आदर ना पेश आना और उसका अनादर करना।
85. #
➡️ अन्न जल उठ जाना। / दाना पानी उठ जाना।
अर्थ :- किसी एक जगह से दुसरे जगह को जाना। वहा का सारा सारा रिश्ता ख़त्म कर के।
86. #
➡️ अपनी खाल में मस्त रहना।
अर्थ :- अपने हाल में हमेशा मस्त रहना।
87. #
➡️ अपने पैरों पर खड़ा होना।
अर्थ :- स्वावलंबी होना। खुद का कार्य करने किसी पर निर्भर ना होना।
88. #
➡️ अपना उल्लू सीधा करना।
अर्थ :- अपना स्वार्थ सिद्ध करना।
89. #
➡️ अभी तो तुम्हारे दूध के दाँत भी नहीं टूटे।
अर्थ :- अभी तो तुम्हारी उम्र बहुत कम है और अभी तुम बच्चे हो और नादान हो।
90. #
➡️ अक्ल पर पत्थर (परदा) पड़ना।
अर्थ :- बार-बार समझाने पर भी किसी बात को ना समझना।
91. #
➡️ आसमान से बातें करना।
अर्थ :- अत्य अधिक उपलब्धियों को पाना - बहुत ऊँचा होना।
92. #
➡️ आग बबूला होना।
अर्थ :- बात बात में बहुत गुस्सा होना।
93. #
➡️ आग में कूदना।
अर्थ :- अपनी जान को जोखिम में डालना।
94. #
➡️ आसमान फट पड़ना।
अर्थ :- अचानक किसी आफ़त आ जाना।
95. #
➡️ आवाज़ उठाना।
अर्थ :- अपना विरोध प्रकट करना।
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